रविवार, 6 अक्तूबर 2019

मेरी पहली यात्रा

                   यात्रा का दिनांक - वर्ष 1985, महीना मार्च, दिन तारीख क्या था याद नहीं

मित्रों मैं आज आप लोगों को अपनी पहली यात्रा के बारे मे बताना चाहता हूं  यू तो घूमने का शौक मुझे बचपन से है लेकिन अभी तक घूमने का मौका नहीं मिला था  बात उन दिनों की है जब मैं अपने गांव में रहता था उस समय मैं कच्छा - 8 में पढता था,  मेरे  गांव में मेरा एक मित्र था जिसका नाम अनिल उर्फ C. I. D. उसका उप नाम CID कैसे पड़ा उसकी भी एक छोटी सी कहानी है, हुवा यू की उस समय एक तरफ से दूसरे की जानकारी लाना जरुरी होता था तथा यह काम अनिल भाई बहुत बखूबी करते थे इस तरह कब उनका प्रचलित नाम CID हो गया किसी को पता नहीं, पीठ पीछे लोग CID नाम से ही बुलाते थे और मई तो उसके मुँह पर भी CID ही कहता था जिसे ओ बुरा नहीं मानता  था,
                                  मेरे गांव से करीब 40 किलोमीटर  दूर ककरहवा में महाशिवरात्रि का मेला लगता था

विंध्याचल की यात्रा

इस यात्रा को शुरु से पढने के लिए यहाँ क्लिक करें  विंध्याचल की यात्रा आज यात्रा का तीसरा दिन था, दो दिन प्रयागराज में स्नान एवं भर्मण के बा...