यात्रा एक ऐसा शब्द है जिसका नाम आते ही एक जगह से दूसरी जगह जाने का एहसास होता है, परन्तु यदि गहराई से सोचा जाए तो हर प्राणी अपनी यात्रा पर है, या यूँ कहा जाए की यात्रा एक प्राणी के जीवन का शाश्वत सत्य है जो कभी रुकता नहीं निरन्तर चलता रहता है, प्राणी के जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा लौकिक जीवन की एक पूर्ण यात्रा मानी जाती है। मेरी इस यात्रा ब्लॉग में मेरे द्वारा की गयी छोटी - छोटी यात्राओं के संग्रह का एक छोटा सा प्रयास है, हरि गोविन्द मिश्र - 7985126489
सोमवार, 29 जुलाई 2019
लखनऊ से नैमिषारायण तक की बाइक से यात्रा
दोस्तों आज मैं आप लोगों को लखनऊ से नैमिषारायण तक की बाइक यात्रा कराऊंगा जो कि मैंने अपने एक मित्र बाबूराम वर्मा के साथ की थी, नैमिषारायण का पुराणों में अनेको बार नाम आता है तथा इसे धरती का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है, यहाँ चौरासी लाख ऋषि मुनियों ने तपस्या की थी, अतः यहाँ घूमने की इच्छा बहुत दिनों से थी,
अगले दिन सुबह उठकर फ्रेश होने के बाद चक्रतीर्थ में जाकर स्नान किया एवं माँ ललिता देवी का एक बार और दर्शन किया उसके बाद एक छोटी सी दुकान पर चाय नास्ता करने के बाद स्थानीय दुकानों से कुछ सामान एवं प्रसाद आदि खरीद कर कमरे पर आगये, तत्पश्चात सामान आदि पैक कर के वापस चलने की तयारी करने के बाद पंडित जी से मिलकर दक्षिणा आदि देकर अपनी - अपनी बाइक पर सवार होकर लखनऊ के लिए चल दिए , वापसी में पंडित जी ने बताया की आप लोग हत्या हरण होते हुए जाईये जिससे आप लोगो का एक और तीरथ का दर्शन हो जायेगा, हत्या हरण की ऐसी मान्यता है की यहाँ आकर दर्शन, स्नान , दान करने से व्यक्ति हत्या के पाप से मुक्त हो जाता है, बताया जाता है की भगवान राम भी रावण की हत्या करने के बाद यहाँ आकर अपने पापो का प्रायश्चित करने के लिए आये थे जिससे इस स्थान का माहात्म्य और बढ़ जाता है ,
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7 टिप्पणियां:
Good traveling
Good traveling
Good yatra
Good traveling
Achha prayas
बहुत ही सुंदर वर्णन किया आपने, पढ़ कर अच्छा लगा।
धन्यवाद।
THANK YOU
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