यात्रा एक ऐसा शब्द है जिसका नाम आते ही एक जगह से दूसरी जगह जाने का एहसास होता है, परन्तु यदि गहराई से सोचा जाए तो हर प्राणी अपनी यात्रा पर है, या यूँ कहा जाए की यात्रा एक प्राणी के जीवन का शाश्वत सत्य है जो कभी रुकता नहीं निरन्तर चलता रहता है, प्राणी के जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा लौकिक जीवन की एक पूर्ण यात्रा मानी जाती है। मेरे इस ब्लॉग में मेरे द्वारा की गयी छोटी - छोटी यात्राओं एवं मेरे द्वारा लिखी गई कहानियाँ के संग्रह का प्रयास है www.youtube.com/@Bharatwithhari
शनिवार, 25 जनवरी 2020
शुक्रवार, 24 जनवरी 2020
मथुरा , भरतपुर , मेंहदीपुर बालाजी , आगरा दर्शन भाग - 5
मथुरा , भरतपुर , मेंहदीपुर बालाजी , आगरा दर्शन शुरू से पढ़ने के लिए - यँहा क्लिक करें
कल का दिन हम लोगों केलिए काफी थकान भरा रहा लेकिन सब कुछ अच्छा रहा, अब आज हम लोग वृन्दावन में वैष्णो देवी मंदिर, इस्कान मंदिर, बांके विहारी मंदिर, काँच का मंदिर आदि का दर्शन करते हुए गोकुल से आगे चौरासी खम्भा एवं पुराने गोकुल जायेंगे।
सुबह उठने के बाद सभी लोग नहा धोकर फ्रेश हो गए एवं कमरे पर ही चाय पी गयी उसके बाद नीचे सड़क पर आकर टैक्सी का इंतजाम किया गया, एक टैक्सी वाला 1200 रूपये में ये सारे स्थान घुमाने के लिए तैयार हो गया, सभी लोग गाड़ी में बैठ गए और सबसे पहला पड़ाव था वैष्णों माता मंदिर।
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