रविवार, 6 अक्टूबर 2019

मेरी पहली यात्रा

                    मेरी पहली यात्रा 

मित्रों मैं आज आप लोगों को अपनी पहली यात्रा के बारे मे बताना चाहता हूं  यू तो घूमने का शौक मुझे बचपन से है लेकिन अभी तक घूमने का मौका नहीं मिला था  बात उन दिनों की है जब मैं अपने गांव में रहता था उस समय मैं कच्छा - 8 में पढता था,  मेरे  गांव में मेरा एक मित्र था जिसका नाम अनिल उर्फ C. I. D. उसका उप नाम CID कैसे पड़ा उसकी भी एक छोटी सी कहानी है, हुवा यू की उस समय एक तरफ से दूसरे की जानकारी लाना जरुरी होता था तथा यह काम अनिल भाई बहुत बखूबी करते थे इस तरह कब उनका प्रचलित नाम CID हो गया किसी को पता नहीं, पीठ पीछे लोग CID नाम से ही बुलाते थे और मई तो उसके मुँह पर भी CID ही कहता था जिसे ओ बुरा नहीं मानता  था,
                                

मेरे गांव से करीब 40 किलोमीटर  दूर ककरहवा में महाशिवरात्रि का मेला लगता था

सोमवार, 29 जुलाई 2019

लखनऊ से नैमिषारायण तक की बाइक से यात्रा

यात्रा का दिनाँक 13 अक्टूबर 2017

दोस्तों आज मैं आप लोगों को लखनऊ से नैमिषारायण तक की बाइक यात्रा कराऊंगा जो कि मैंने  अपने एक मित्र बाबूराम वर्मा के साथ की थी, नैमिषारायण का पुराणों में अनेको बार नाम आता है तथा इसे धरती का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है, यहाँ चौरासी लाख ऋषि मुनियों ने तपस्या की थी,  अतः यहाँ घूमने की  इच्छा  बहुत दिनों से थी,

मंगलवार, 9 जुलाई 2019

मथुरा , भरतपुर , मेंहदीपुर बालाजी , आगरा दर्शन भाग - 1

बहुत दिनों से कहीं घूमने का कार्यक्रम नहीं बन पाया था इसलिए मैं बैचैन सा रहता था , हम प्राइवेट नौकरी वालों के पास न पैसा होता हैं और न ही समय, लेकिन घुमक्कड़ी का शौक ऐसा है कि कुछ न होते हुए भी सब कुछ हो जाता हैं। जून 2019 की 5 तारीख को ऑफिस में  बैठा आगामी छुट्टियों के बारे में सोंच रहा था कि याद आया अगस्त में 15 तारीख के आस पास एक दो छुट्टियां लेकर प्लान बनाया जा सकता हैं, कलेण्डर देखने के बाद मन उछलने लगा क्योंकि 10-11 अगस्त को सेकंड सैटरडे संडे की छुट्टी थी एवं 12 को बकरीद की छुट्टी थी 13-14 दो दिन की छुट्टी लेने के बाद 15 अगस्त की छुट्टी थी कुल मिलाकर दो दिन की छुट्टी लेने पर कुल 6 दिन की छुट्टी मिल रही थीं। अब सवाल ये था कि जाया कहाँ जाय,

❤️ Love Now Days – एक आधुनिक प्रेमकहानी

   ❤️ Love Now Days – एक आधुनिक प्रेमकहानी दिल्ली का ठंडा जनवरी महीना था। मेट्रो स्टेशन पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। हर किसी के हाथ में मोबा...