मंगलवार, 9 जुलाई 2019

मथुरा , भरतपुर , मेंहदीपुर बालाजी , आगरा दर्शन भाग - 1

बहुत दिनों से कहीं घूमने का कार्यक्रम नहीं बन पाया था इसलिए मैं बैचैन सा रहता था , हम प्राइवेट नौकरी वालों के पास न पैसा होता हैं और न ही समय, लेकिन घुमक्कड़ी का शौक ऐसा है कि कुछ न होते हुए भी सब कुछ हो जाता हैं। जून 2019 की 5 तारीख को ऑफिस में  बैठा आगामी छुट्टियों के बारे में सोंच रहा था कि याद आया अगस्त में 15 तारीख के आस पास एक दो छुट्टियां लेकर प्लान बनाया जा सकता हैं, कलेण्डर देखने के बाद मन उछलने लगा क्योंकि 10-11 अगस्त को सेकंड सैटरडे संडे की छुट्टी थी एवं 12 को बकरीद की छुट्टी थी 13-14 दो दिन की छुट्टी लेने के बाद 15 अगस्त की छुट्टी थी कुल मिलाकर दो दिन की छुट्टी लेने पर कुल 6 दिन की छुट्टी मिल रही थीं। अब सवाल ये था कि जाया कहाँ जाय,


कुछ सोंच विचार के बाद फैसला किया कि चलो मथुरा चलते है, मैंने तुरंत अपना और श्रीमती जी का आरक्षण पंजाब कोटा एक्सप्रेस में 9 अगस्त की रात में करा लिया, वापसी का कराने में अभी तय नहीं हो पाया था की कब का कराया जाय, खैर उसके बाद मैं निश्चिन्त हों गया, दो दिन बाद पिता जी से बात हुई तो उन्होंने भी चलने की इच्छा जताई तो उन्होंने भी अपना आरक्षण उसी ट्रेन में करा लिया, चूंकि उनको गोरखपुर से आना था इसलिए उन्होंने अपना और माता जी का आरक्षण गोरखपुर से लखनऊ एवं लखनऊ से मथुरा का करा लिया। मेरे एक मित्र राम प्रकाश शुक्ला जी से भी एक दिन चर्चा हुई तो उन्होंने भी चलने की इच्छा जताई तो उनका भी उसी ट्रेन में आरक्षण करा दिया गया। बाद में मेरे बहन बहनोई भी तैयार हो गए तो कुल मिला कर अब बडे बच्चे मिलाकर 11 लोगों का समूह यात्रा के लिये तैयार हो गया। हम लोगों की यात्रा में मथुरा वृन्दावन, गोकुल वरसाने , भरतपुर, मेंहदीपुर बालाजी, एवं आगरा का कार्यक्रम बन गया वापसी 15 अगस्त को आगरा से होनी थी तो उसका भी आरक्षण करवा लिया गया।


 अब 9 अगस्त का इंतजार था। हम लोगों की ट्रेन रात में साढ़े 11 बजे थी, घर से हम लोग 10 बजे निकल गए और एक घंटे में चार बाग स्टेशन पहुंच गए, ट्रेन की इन्क्वारी करने के बाद हम लोग 7 नम्बर प्लेटफार्म पर पहुंच कर ट्रेन की प्रतीक्षा करने लगे।











१० अगस्त से १४ अगस्त तक मथुरा , बृन्दावन, गोकुल , नन्द गांव , बरसाने , मेंहदीपुर बालाजी एवं आगरा भर्मण अपने परिवार एवं मित्रों के साथ 

दोस्तों हम लोगों  ने 10 अगस्त से 13  अगस्त तक मथुरा का भर्मण किया जिसमे जन्मभूमि , गोकुल, रेती रमड , चौरासी खम्भा , वृन्दावन, नंदगाव, बरसाने आदि की यात्रा की , अगस्त का महीना होने के कारन गर्मी बहुत थी, जिससे थोड़ी असुविधा भी हुई लेकिन कुल मिलाकर हम लोगो की यात्रा काफी आनंद दायक रही, मथुरा में एक दिन ज्यादा लग जाने के कारन हम लोग भरतपुर नहीं जा पाए , हा बालाजी के दर्शन हो गए एवं वहां पर काफी आनंद भी आया 

मथुरा , भरतपुर , मेंहदीपुर बालाजी , आगरा दर्शन - भाग - 2 के लिए यँहा क्लिक करें 

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